जानिए क्या होता है जब पानी को बार-बार उबाला जाता है

डेल-ई द्वारा उत्पन्न

बार-बार उबला पानी: आखिर होता क्या है?

अधिकतर लोग मानते हैं कि पानी को दोबारा उबालना किसी भी तरह का खतरा नहीं लाता। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बचे हुए पानी को फिर से केतली में डालकर उबालने से केवल चाय या कॉफी का स्वाद ही नहीं बदलता, बल्कि इसका असर सीधे केतली पर भी पड़ता है।

खनिज और कैल्सियम की परत

नल के पानी में स्वाभाविक रूप से कैल्शियम और मैग्नीशियम मौजूद होते हैं। हर बार उबालने पर इन खनिजों का एक हिस्सा जमकर केतली की दीवारों और हीटिंग एलिमेंट पर परत बना देता है। यह परत (कैल्सियम डिपॉज़िट) सेहत के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन यह पानी का स्वाद बिगाड़ती है, केतली को जल्दी घिसती है और बिजली की खपत भी बढ़ाती है।

सूक्ष्म तत्व और सेहत

लगातार उबालने से पानी में नाइट्रेट और कुछ अन्य सूक्ष्म तत्वों की मात्रा बढ़ सकती है। सामान्य परिस्थितियों में इनकी सांद्रता कम रहती है और स्वास्थ्य के लिए वास्तविक खतरा नहीं मानी जाती। फिर भी, पानी की पारदर्शिता और उसका ताजापन कम हो जाता है।

पानी को ताज़ा और स्वादिष्ट रखने के तरीके

स्वादिष्ट और सुरक्षित पानी पाने के लिए कुछ आसान आदतें अपनाई जा सकती हैं:

  • उतना ही पानी उबालें जितना आपको वास्तव में चाहिए।
  • केतली को नियमित रूप से सिरके या साइट्रिक एसिड से साफ करें ताकि परत हटे।
  • अगर पानी बार-बार उबाला गया है, तो उसे ताज़े पानी से बदल दें।
  • केतली में पानी लंबे समय तक न छोड़ें — उबालने के तुरंत बाद उसका उपयोग करें।

स्वाद का सवाल, न कि खतरे का

आखिरकार, पानी को कई बार उबालना ज़्यादातर स्वाद और दिखावट का मामला है, न कि स्वास्थ्य का सीधा खतरा। साधारण नियमों का पालन करके न सिर्फ पेय का स्वाद बेहतर बनाया जा सकता है, बल्कि परत जमने से बचा जा सकता है और केतली की उम्र भी बढ़ाई जा सकती है।