घर की छिपी कीटाणु वाली जगहों को प्राकृतिक तरीके से कैसे साफ करें

डेल-ई द्वारा उत्पन्न

घर के भीतर छिपे कीटाणुओं के ठिकाने

अक्सर यह सोचा जाता है कि घर में सबसे गंदे स्थान फर्श या सिंक होते हैं। लेकिन असली कीटाणुओं का जमावड़ा वहाँ नहीं, बल्कि उन सतहों पर होता है जिन्हें हम दिनभर बार-बार छूते हैं।

अच्छी बात यह है कि इन्हें साफ करने के लिए तेज़ रसायनों की ज़रूरत नहीं होती। हल्के और प्राकृतिक उपाय ही पर्याप्त हैं, जो त्वचा, साँस और घर – तीनों के लिए सुरक्षित रहते हैं।

फ़ोन और गैजेट्स

फ़ोन शायद ही कभी हाथों से दूर होता है। इसी लगातार इस्तेमाल के कारण उस पर त्वचा का तेल, खाने के कण, धूल और अनगिनत जीवाणु जमा हो जाते हैं।

सबसे आसान उपाय है स्क्रीन साफ करने वाले विशेष वाइप्स। सप्ताह में दो–तीन बार पर्याप्त है, लेकिन सर्दी-ज़ुकाम के मौसम में इसे रोज़ करना फायदेमंद होगा।

रसोई के हैंडल और बटन

फ्रिज के दरवाज़े, चूल्हे के नॉब, माइक्रोवेव के बटन या केतली की पकड़ – ये सतहें दिनभर कई बार छुई जाती हैं, अक्सर कच्चा मांस या आटा छूने के बाद। नतीजा, चर्बी और बैक्टीरिया तेजी से जमा हो जाते हैं।

घर पर ही एक असरदार और सुरक्षित स्प्रे बनाया जा सकता है:

  • 1 कप गुनगुना पानी
  • 1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
  • एक चौथाई नींबू का रस या 5 बूँद नींबू का आवश्यक तेल

इसे मुलायम कपड़े से सतह पर पोंछें, खासकर रात में जब रसोई की सफ़ाई की जा रही हो।

स्पंज और सफाई के कपड़े

विडंबना यह है कि सफाई के उपकरण ही बैक्टीरिया की पनाहगाह बन जाते हैं। नमी और गर्मी में रखा स्पंज जीवाणुओं के लिए आदर्श वातावरण तैयार करता है।

मददगार तरीके:

  • हर इस्तेमाल के बाद स्पंज को उबलते पानी से धोएं
  • 10–15 मिनट तक सिरका और पानी के घोल में भिगोकर रखें
  • हर 3–5 दिन में नया स्पंज इस्तेमाल करें

विकल्प के रूप में माइक्रोफाइबर या कपास के कपड़े अपनाए जा सकते हैं, जिन्हें गर्म पानी में आसानी से धोया जा सकता है।

दरवाज़ों के हैंडल और लाइट स्विच

ये हिस्से दिनभर कई बार छुए जाते हैं, लेकिन शायद ही कभी साफ किए जाते हों।

सिर्फ़ एक साधारण उपाय काफी है: 70% अल्कोहल वाला घोल या साधारण वोडका। हफ़्ते में एक बार पोंछना पर्याप्त है, और ज़ुकाम-खाँसी के दौर में अधिक बार करना बेहतर है।

बाथरूम और टॉयलेट: भूले-बिसरे हिस्से

ज़्यादातर ध्यान शौचालय और सिंक पर जाता है, जबकि कीटाणु अक्सर अनदेखे स्थानों में पनपते हैं – जैसे नालियाँ, ब्रश होल्डर, फ्लश बटन या टंकी का हैंडल।

यहाँ भी प्राकृतिक तरीक़े कारगर हैं:

  • बेकिंग सोडा और सिरका, 10 मिनट तक छोड़ दें
  • चूने की परत के लिए साइट्रिक एसिड
  • ताज़गी और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव के लिए टी ट्री या नीलगिरी का तेल

सप्ताह में एक बार सफाई पर्याप्त है।

रोज़ाना की "माइक्रो-सफाई" के लिए मिनी स्प्रे

घर को कीटाणु-मुक्त रखने का मतलब हमेशा बड़ा झाड़-पोंछ करना नहीं होता। एक छोटा प्राकृतिक स्प्रे दैनिक सफाई में सहायक बन सकता है:

  • 200 मिली पानी
  • 1 बड़ा चम्मच सिरका या नींबू का रस
  • 5 बूँद आवश्यक तेल (लैवेंडर, टी ट्री या नीलगिरी)

हर दिन सिर्फ़ एक–दो सतहें साफ़ करें – आज हैंडल, कल फ़ोन, परसों नाली।

निष्कर्ष

स्वच्छ घर का अर्थ कठोर नियम या लगातार रगड़ाई नहीं है। यह छोटी लेकिन सोच-समझकर अपनाई गई आदतों से संभव है। ऐसे सरल कदम घर को ताज़गी, सुरक्षा और अपनापन देने वाली जगह बना देते हैं।