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तस्वीरें टांगने की सही ऊँचाई: सुंदर इंटीरियर का राज
डेल-ई द्वारा उत्पन्न
जानिए तस्वीरें लगाने की सही ऊँचाई, दूरी और संतुलन के नियम। छोटे बदलावों से कैसे बने आपका घर और भी आकर्षक और आरामदायक।
सही ऊँचाई क्यों मायने रखती है
दीवार पर तस्वीर लगाना भले ही मामूली बात लगे, लेकिन ऐसे छोटे-छोटे विवरण ही कमरे के माहौल और सुकून को तय करते हैं। कोई भी सुंदर कलाकृति अपना आकर्षण खो सकती है, अगर उसे बहुत ऊँचा या बहुत नीचा टांगा जाए। कोई सख्त नियम नहीं है, पर कुछ सरल दिशानिर्देश इस काम को आसान बना देते हैं।
मुख्य बात यह है कि तस्वीर को आँखों की ऊँचाई पर या उससे थोड़ा नीचे लगाएँ। ऐसा करने से वह स्वाभाविक रूप से जगह का हिस्सा लगती है और देखने में सहज महसूस होती है।
ऊँचाई से जुड़ी मुख्य बातें
डिज़ाइनरों के अनुसार, सही संतुलन पाने के लिए कुछ मानक दूरी का ध्यान रखना चाहिए:
- 140–150 सेमी (55–59 इंच): कलाकृति का केंद्र फर्श से इतनी दूरी पर होना चाहिए — यह औसत व्यक्ति की आँखों की ऊँचाई के बराबर होती है।
- 5 सेमी (2 इंच): जब एक से अधिक फ्रेम लगाएँ, तो उनके बीच इतनी जगह रखें। इससे पूरा सेट एक संगठित रचना जैसा दिखता है।
- 10–15 सेमी (4–6 इंच): सोफ़े के ऊपरी हिस्से और कलाकृति के निचले किनारे के बीच इतनी दूरी रखें।
अगर आपके पास कई छोटे-छोटे चित्र हैं, तो उन्हें समूह में लगाएँ। मध्यम आकार के फ्रेम्स को किसी एक बड़े केंद्रबिंदु के चारों ओर रखने से संतुलन और सामंजस्य बनता है।
फर्नीचर के साथ सामंजस्य
कलाकृति की स्थिति कमरे के अनुपात और फर्नीचर के आकार से मेल खानी चाहिए।
- क्षैतिज पेंटिंग्स ऊँचे फर्नीचर के पास बेहतर लगती हैं — वे ऊँचाई को संतुलित करती हैं।
- लंबवत चित्र नीची वस्तुओं के साथ अच्छा तालमेल बैठाते हैं और नज़र को ऊपर की ओर खींचते हैं।
- चौड़े सोफ़े के ऊपर एक बड़ी क्षैतिज पेंटिंग या तीन समान आकार की लंबवत तस्वीरें उपयुक्त दिखती हैं।
- अगर चित्र छोटे हैं, तो उन्हें एक के ऊपर एक लगाना भी सही है, बशर्ते कि उनका मध्य बिंदु आँखों की ऊँचाई से मेल खाए।
आम गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए
भले ही कलाकृति सुंदर हो, लेकिन कुछ बुनियादी नियमों की अनदेखी उसे अजीब बना सकती है:
- बहुत नीचे लगाई गई या कम रोशनी में रखी कलाकृति अपना असर खो देती है।
- छोटा चित्र अगर बहुत बड़े हिस्से में लगाया जाए तो दीवार पर गुम-सा लगता है।
- छोटे चित्र अगर बहुत ऊँचे लगाए जाएँ तो देखने में असहज महसूस होता है।
- डिज़ाइनदार वॉलपेपर पर छोटे चित्र खो जाते हैं और उनका प्रभाव कम हो जाता है।
सादगी में ही संतुलन
सही ऊँचाई और दूरी तय करना किसी विज्ञान का नियम नहीं, बल्कि संतुलन और सहजता का मामला है। देखें कि कलाकृति कमरे की रोशनी और स्थान के साथ कैसी दिखती है। अगर उलझन हो, तो बस यह मूल नियम अपनाएँ — चित्र का केंद्र आँखों की ऊँचाई पर रखें। यह सरल तरीका लगभग हर बार काम करता है और आपके घर के इंटीरियर को आकर्षक व संतुलित बनाता है।